उत्तर प्रदेश का सोनभद्र भारत का एकमात्र जिला है जो मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार के चार राज्यों से है। हरे-भरे जंगल, पहाड़ और मनोरम झरनों के साथ-साथ साहसिक पर्यटन को विस्तार देने के लिए प्रदेश सरकार सोनभद्र के पर्यटन विकास की मेगा योजना तैयार कर रही है। पर्यटन विभाग को इसके विकास के नजरिए से योजना बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। इसके बाद डीपीआर तैयार की जाएगी।
समय के साथ पर्यटन की परिभाषा बदल गई है। लोग ऐसे क्षेत्रों में जाना ज्यादा पसंद करते हैं, जहां प्राकृतिक वातावरण और आधुनिक सुविधाओं के बीच रोमांच का आनंद ले सकें। इन सभी विशेषताओं के मद्देनजर इस क्षेत्र को विकसित करने की योजना पर काम शुरू हो गया है। पर्यटन क्षेत्रों को विकसित, व्यवस्थित और बुनियादी सुविधाओं से युक्त करने के लिए तैयारी हो रही है। इस बारे में प्रजेंटेशन बनाने की जिम्मेदारी स्थानीय अधिकारियों को दी गई है।
संयुक्त निदेशक पर्यटन अविनाश चंद्र मिश्रा मानते हैं कि सोनभद्र में नया पर्यटन क्षेत्र विकसित करने की जरूरत नहीं है, बस व्यवस्थित करना है। पर्यटन विभाग की योजना प्रमुख पर्यटन स्थलों के पास कॉटेज, व्यू प्वाइंट, खान-पान, ठहरने और ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था करने की है। सफाई व टॉयलेट आदि के साथ-साथ क्षेत्र में रॉक क्लाइंबिंग, वाटर स्पोर्ट्स, ट्रैकिंग आदि के विकास पर भी फोकस है।