राबर्ट्सगंज स्थित संत जेवियर्स उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्वारंटाइन सेंटर में मुंबई से आए रेणुकूट के युवक के भूख हड़ताल से अफसरों की सोमवार को नींद उड़ गई। युवक मुंबई के निजी कंपनी से पगार दिलाए जाने व रेणुकूट में होम क्वारंटाइन करने की मांग को लेकर तीन दिन से भूख हड़ताल पर है। हालांकि उसकी जिद को देखते हुए अफसरों ने उसे रेणुकूट भेजने के लिए उच्चाधिकारियों से पहल शुरू कर दी है।
रेणुकूट के दर्जी मोहाल निवासी प्रदीप कुमार (28) पुत्र स्व. जयराम कुमार मुंबई में स्थित एक निजी कंपनी में काम करता था। कोरोना वायरस को लेकर हुए लाकडाउन के दौरान वह कुछ दिनों तक मुंबई में पेट भरता रहा लेकिन कई दिनों तक उसे खाना नसीब नहीं हुआ तो वह मुंबई से पैदल ही रेणुकूट के लिए चल पड़ा। बताया कि मुंबई के कल्याण इलाके से वह पैदल चला था। सैकड़ों किमी पैदल सफर करने के बाद वह जैसे-तैसे मध्यप्रदेश के सतना पहुंचा। सतना में उसे गुरुवार को पुलिस ने रोक लिया और बस से शुक्रवार की रात उसे राबर्ट्सगंज भेज दिया गया। प्रदीप शुक्रवार से क्वारंटाइन सेंटर में कुछ भी खाया नहीं है। सोमवार की सुबह जब जानकारी अधिकारियों को हुई तो हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंचे तहसीलदार सुनील कुमार ने उसको समझा-बुझाकर भूख हड़ताल समाप्त कराने का प्रयास किया लेकिन वह नहीं माना। उसकी मांग है कि उसका भाई व मां रेणुकूट में हैं। उसे होम क्वारंटाइन किया जाए। इसके अलावा मुंबई की निजी कंपनी से उसकी पगार दिलाई जाए। तहसीलदार ने बताया कि उच्चाधिकारियों से वार्ता हुई है।