अगर सरकारी अस्पताल में एक्स-रे या अल्ट्रासाउंड कराना है और उसके बाद कोई पुलिस केस करनी है तो लंबा इंतजार करना पड़ेगा क्योंकि इस समय सोनभद्र, मीरजापुर व भदोही जिले के लिए रेडियोलाजी की जिम्मेदारी एकमात्र कर्मी पर है। ऐसे में निर्धारित समय के भीतर जांच और उसकी रिपोर्ट तैयार करना मुश्किल हो रहा है। इस समस्या के समाधान के लिए कई बार उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा जा चुका है, बावजूद इसके अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मानें तो किसी को चोट लगने पर उसका एक्स-रे करना हो या फिर उसकी रिपोर्ट तैयारी करनी है तो यह काम रेडियोलाजिस्ट ही करते हैं। इसके लिए शासनस्तर से प्रत्येक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला अस्पताल, संयुक्त चिकित्सालय, मंडलीय अस्पताल में इनकी तैनाती की जाती है लेकिन विडंबना है कि विन्ध्याचल मंडल के सभी अस्पतालों को मिलाकर महज एक रेडिलाजिस्ट की तैनाती है। एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट होने के कारण यह तैनाती सोनभद्र जिले में की गई है। अकेले सोनभद्र जिले की बात करें तो यहां के कुल छह सीएचसी में से चार में रेडियोलॉजिस्ट के पद सृजित हैं। साथ ही जिला अस्पताल में तीन पद सृजित हैं लेकिन तैनाती महज एक की ही है।