दीपावली और छठ पूजा जैसे महापर्व को लेकर गत वर्षों जैसा उत्साह लोगों में नहीं दिख रहा है। बाजारों में भी लोगों का रूझान नहीं दिखाई पड़ रहा है। जहां व्यापारी भी थोड़े सकते में हैं वहीं उपभोक्ता भी त्योहार के हिसाब से दुकानों पर नहीं दिख रहे हैं। नोटबंदी का असर बाजार में उतना नहीं दिख रहा है लेकिन जीएसटी ने व्यापारियों में कुछ उलझने बढ़ाई है। इन उलझनों के बीच खनन क्षेत्र की बंदी ने सबसे ज्यादा असर बाजार पर डाला है। खनन कार्य व्यापक तौर पर न चलने के कारण खरीदारी की क्षमता पर असर डाला है। जिसकी वजह से बाजार में इस बार इतनी रौनक नहीं दिखाई पड़ रही है।कई व्यापारियों ने बताया कि उछाल तो छोड़िये मात्र 20 फीसद तक व्यापार सिमट गया है।