गत कुछ दिनों सामान्य चल रहे मौसम ने गुरुवार की देररात अचानक यू-टर्न ले लिया। तेज हवा के साथ बारिश शुरू हो गई। सुबह जब लोग सोकर उठे तो तेज गरज-चमक के साथ बारिश हो रही थी। लोगों को लगा कि जल्द ही मौसम साफ हो जाएगा लेकिन शुक्रवार को दिन में भी रिमझिम बारिश होती रही। यह पानी रबी की प्रमुख फसल गेहूं के लिए तो काफी फायदेमंद है लेकिन सरसों व अरहर की खेती करने वाले किसानों के लिए नुकसानदेह है। दलहनी और तिलहनी के लिए यह पानी विष के समान है। उधर, बारिश के कारण सड़कें कीचड़युक्त हो गई हैं।
जिले के चतरा, नगवां, घोरावल व राबर्ट्सगंज ब्लाक क्षेत्रों में गेहूं की खेती ज्यादातर किसान किए हैं। इनकी फसलों को इस समय पानी की जरूरत थी। ऐसे में बारिश ने उन्हें संजीवनी दे दी। हां, कुछ किसान जो सरसों की खेती किए हैं उनके माथे पर चिंता की लकीरें देखी गई। अरहर की फसलों को भी इससे नुकसान होने की आशंका है। बारिश के साथ ही बीच-बीच में हवा चलने के कारण सरसों के फूल गिरने की भी आशंका है।