दो कोयला खदानों की सीमा पर स्थित भू-भाग से 370 करोड़ रुपये का कोयला खनन कर एनसीएल ने कोयला उद्योग के लिए नजीर पेश की है। इससे जहां देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी वहीं अन्य कोल परियोजनाओं के लिए भी नया रास्ता इजाद हुआ है।
अन्य प्राकृतिक संसाधनों की तरह कोयले का भंडार भी सीमित है। हमारे देश में ऊर्जा जरूरतों के 90 फीसद की पूर्ति कोयला आधारित बिजली परियोजनाओं से ही होती है। कोयले का भंडार समाप्त हो जाने से देश की कई परियोजनाएं बंद होने की कगार पर पहुंच गई हैं। सरकार द्वारा आयेदिन नये इलाकों में कोयले के भंडार का पता लगाया जा रहा है। ऐसे में कोल इंडिया की प्रमुख अनुषंगी कंपनी एनसीएल द्वारा दो खदानों की सीमा पर स्थित भू-भाग से कोयला खनन की योजना बनाई गई। सर्वप्रथम निगाही व अमलोरी खदानों की सीमा का चयन किया गया।