घोरावल के उभ्भा गांव में हुए नरसंहार के पांच आरोपितों को पुलिस ने न्यायालय के आदेश के बाद मंगलवार को 27 घंटे के कस्टडी रिमांड पर ले लिया है। इस बीच उनसे पूछताछ कर घटना को लेकर कई तरह की जानकारी इकठ्ठा की जाएगी। यह रिमांड न्यायालय ने ट्रैक्टर व असलहे की बरामदगी के लिए होने वाली पूछताछ के उद्देश्य से दिया है। पूछताछ के दौरान आरोपित पक्ष से अधिवक्ता भी मौजूद रहेंगे। जो 40 मीटर की दूरी पर ही रहेंगे। इससे पहले सोमवार को भी आरोपित न्यायालय में पेश हुए थे लेकिन अधिवक्ताओं की हड़ताल की वजह से रिमांड नहीं मिल सकी थी।
17 जुलाई को उभ्भा गांव में भूमि पर कब्जा करने के चक्कर में नरसंहार हुआ था। उसमें दस लोगों की मौत हो गई और 28 लोग घायल हो गए थे। घटना के बाद पुलिस ने 28 नामजद व 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी गंभीरता से लिया। इसके बाद पुलिस ने मुख्य आरोपित ग्राम प्रधान यज्ञदत्त समेत पांच आरोपितों को पकड़ लिया। उन्हीं पांच आरोपितों को कस्टडी रिमांड पर लेने के लिए पुलिस ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया। पुलिस की ओर से वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी रामध्यान पांडेय ने 45 घंटे रिमांड का अनुरोध किया। ऐसे में पांचों आरोपित यज्ञदत्त, गणेश, धर्मेंद्र, नीरज राय व असर्फी को मंगलवार की सुबह करीब साढ़े दस बजे विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी के न्यायालय में पेश किया गया। यहां आरोपितों के पक्ष से अधिवक्ता शेष नारायण दीक्षित ने अपनी बात रखी। न्यायालय ने दोनों पक्ष को सुनने के बाद आरोपितों को 27 घंटे के रिमांड पर लेने के लिए आदेशित किया। रिमांड की अवधि पूरी होने के बाद पांचों आरोपितों को पुलिस जेल भेज देगी।