पद्मभूषण कवि व गीतकार गोपालदास नीरज के निधन की खबर लगते ही सोनांचल के साहित्यकार मर्माहत हो गए। शुक्रवार को जगह-जगह शोकसभा कर विह्वल भावों से उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान कवि नीरज के साथ बिताए अतीत को एक-एक कर याद किया गया। साहित्यकारों ने उनके निधन को साहित्य जगत की अपूर्णनीय क्षति बताया।
राबर्ट्सगंज नगर में मधुरिमा साहित्य गोष्ठी, लोकवार्ता शोध संस्थान, विन्ध्य संस्कृति शोध समिति के संयुक्त तत्वावधान में एक गोष्ठी हुई। वरिष्ठ साहित्यकार अजय शेखर की अध्यक्षता में शोकसभा की गई। मौजूद साहित्यकारों ने दो मिनट का मौन रखकर उनकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। इसमें अजय शेखर ने कहा कि पद्मभूषण गोपालदास नीरज का निधन साहित्य जगत की अपूर्णनीय क्षति है। उनका सोनभद्र से विशेष लगाव था। इसी कारण वह 2010 तक मधुरिमा साहित्य गोष्ठी द्वारा आयोजित कवि सम्मेलन में भाग लेते रहे।