शासन के लाख कवायद के बाद भी सस्ते बालू की उपलब्धता संभव होते नहीं दिख रही है। इससे पक्के मकान का उम्मीद पाले लोगों को झटका लग सकता है वहीं महंगे बालू के कारण उनकी जेब भी ढीली होगी। कारण कि जनपद में अभी तक बालू की नई आवंटित लीज चालू नहीं हो सकी है। माइ¨नग प्लान ईसी से सर्टिफिकेट न मिलने के कारण इन बालू साइटों पर अभी खनन का कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है। वहीं दूसरी ओर छह-छह माह के लिए आवंटित सभी खदानों की समय सीमा समाप्त हो गई है। इसके कारण पूरे पूर्वांचल के मार्केट में लाल बजरी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। उपलब्धता कम होने के चलते इसकी कालाबाजारी भी हो रही है।
प्रदेश सरकार के लाख आश्वासन के बाद भी बालू (लाल बजरी) सुगम और सस्ता मिलना अभी सपना सरीखे है। खरमास समाप्त हो गया है, अब लोग भवन निर्माण में लगेंगे। बावजूद इसके पूरे पूर्वांचल की मंडी में बालू उपलब्ध कराने वाले जनपद की बालू साइडें तकनीकी समस्याओं के कारण अभी बंद हैं।